सोडियम साइनाइड लवण को जल में घोलने पर विलयन में जलअपघटन की क्रिया होती है, जिसके फलस्वरूप विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) तथा हाइड्रोजन साइनाइड (हाइड्रोस्यानिक अम्ल) बने हैं और चूँकि सोडियम हाइड्रॉक्साइड तीव्र क्षार है, अत: लवण का विलयन क्षारीय होता है।
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सोडियम साइनाइड लवण को जल में घोलने पर विलयन में जलअपघटन की क्रिया होती है, जिसके फलस्वरूप विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) तथा हाइड्रोजन साइनाइड (हाइड्रोस्यानिक अम्ल) बने हैं और चूँकि सोडियम हाइड्रॉक्साइड तीव्र क्षार है, अत: लवण का विलयन क्षारीय होता है।
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सोडियम साइनाइड लवण को जल में घोलने पर विलयन में जलअपघटन की क्रिया होती है, जिसके फलस्वरूप विलयन में सोडियम हाइड्रॉक्साइड (क्षार) तथा हाइड्रोजन साइनाइड (हाइड्रोस्यानिक अम्ल) बने हैं और चूँकि सोडियम हाइड्रॉक्साइड तीव्र क्षार है, अत: लवण का विलयन क्षारीय होता है।
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आंशिक प्रतिबंधित रसायन-मिथइल पैराथियान दो प्रतिशत धूल या 50 प्रतिशत ईसी फल व सब्जियों पर, मिथाक्सी इथाइल मर्करी क्लोराइड का प्रयोग आलू और गन्ने के बीज के लिए प्रयोग किया जाएगा, शेष पर प्रतिबंध, मोनोक्रोटोफास 36 प्रतिशत सब्जियों पर और सोडियम साइनाइड केवल कपास के गूलर के लिए प्रयोग होगा, वह भी विशेषज्ञ की मौजूदगी में।